काग भुशुंडि का अर्थ
[ kaaga bhushunedi ]
काग भुशुंडि उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- रामायण में वर्णित वह काक पक्षी जो पूर्वजन्म में एक राम-भक्त ब्राह्मण थे और लोमश ऋषि के शाप से कौआ हो गए थे:"गरुड़ के घमंड को दूर करने के लिए काकभुशुंडि ने उन्हें राम कथा सुनाई"
पर्याय: काकभुशुंडि, काक भुशुंडि, कागभुशुंडि, कागभुसुंडी, काकभुसुंड, काकभुशंडी, काकभुशुंडी, भुशुंडी, भुशुण्डी
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- होता है -शायद इसी को देखकर तुलसीदास ने काग भुशुंडि नामके अमर मानस पात्र की संकल्पना की हो . ..
- इसी तरह मुझे जिज्ञासा थी कि काग भुशुंडि की कल्पना क्या तुलसी ने स्वयं की कि इसका कोई वर्णन और कहीं है।
- शायद इसी को देखकर तुलसीदास ने ' काग भुशुंडि ' नाम के अमर मानस पात्र की संकल्पना की हो , जिसके गले में कंठी माला सी पडी है।
- शायद इसी को देखकर तुलसीदास ने ' काग भुशुंडि ' नाम के अमर मानस पात्र की संकल्पना की हो , जिसके गले में कंठी माला सी पडी है।
- पहला तो पूरा काला कलूटा किस्म वाला है दूसरा गले में एक भूरी पट्टी लिए होता है -शायद इसी को देखकर तुलसीदास ने काग भुशुंडि नामके अमर मानस पात्र की संकल्पना की हो . ..
- सालिम अली ने हैन्डबुक में दो का ही जिक्र किया है -एक जंगली कौआ ( कोर्वस मैक्रोरिन्कोस ) तथा दूसरा घरेलू कौआ( कोर्वस स्प्लेन्ड़ेंस). ..पहला तो पूरा काला कलूटा किस्म वाला है दूसरा गले में एक भूरी पट्टी लिए होता है -शायद इसी को देखकर तुलसीदास ने काग भुशुंडि नामके अमर मानस पात्र की संकल्पना की हो ...